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शुक्रवार, 25 जून 2021

वो चले गए

kavita in hindi 



वो चले गए
तुम भी चले जाओगे।
लाखों करोड़ो,
अरबों की सम्पत्ति।
जिसके लिए ताउम्र
सुकून खोया।
वो छोड़ गए।
वो चले गए
तुम भी चले जाओगे
जिसके लिए अपनो से रूठे
कितने रिश्ते टूटे
रिश्तों की मर्यादा तोड़
क्या क्या न कह बैठे
वो चले गए
तुम भी चले जाओगे
दम्भ अभिमान में
कागज़ के टुकड़ों की
शान में।
झूठी क्षणभंगुर
पहचान में।
वो चले गए
तुम भी चले जाओगे


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मंगलवार, 22 जून 2021

तुम थकती क्योँ हो मां

kavita in hindi


तुम थकती क्यों हो माँ
तुम्हे ये हक किसने दिया।
तुम खुद को मशीन मानो
साल भर में थोड़ा बहुत 
चल जाता है यार
पर हर शाम यूँ निढाल 
न पड़ जाया करो
तुम थकती क्यों हो माँ
तुम्हे ये हक किसने दिया।?
तुम तो हर किसी की मर्जी से
बस स्विच ऑन और 
स्विच ऑफ हो जाया करो।
एक आवाज़ पर ही
खाना बिस्तर पर ले आया करो
तुम थकती क्यों हो माँ
तुम्हे ये हक किसने दिया।
अब हम बड़े हैं समझदार हैं।
अपना ख्याल रख सकते हैं
बात न भी हो रोज़
ख़ैरियत से ही होंगे
इतना तो खुद समझ जाया करो।
तुम थकती क्यों हो माँ
तुम्हे ये हक किसने दिया।
 घर पर रहती हो तुम
तुम्हारा काम ही क्या है।
हम अपने कामों में,
पहले से ही बहुत उलझे हैं
तुम अपने इमोशनल ड्रामा से
हमें,और न उलझाया करो।
तुम थकती क्यों हो माँ
तुम्हे ये हक किसने दिया।
और सुनो जो कुछ भी तुम
करती हो हमारे लिए
वो तुम्हारा फर्ज़ है माँ
दुनिया की हर मां करती है।
इसलिए कर्तव्यों का अहसान
न जताया करो।
तुम थकती क्यों हो माँ
तुम्हे ये हक किसने दिया।



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सोमवार, 21 जून 2021

उसने प्रेम में

kavita in hindi

उसने प्रेम में कुछ 
ऐसी शर्त रखी मुझसे।
साथ दूंगा जीवन भर
मगर ख़बरदार
कभी कोई सवाल
 न हो मुझसे।
उसने प्रेम में कुछ 
ऐसी शर्त रखी मुझसे।
मेरी शर्तों पर जीना
मेरी ही शर्तों पर मरना
अगर ख्वाइश है।
 रिश्ता बनाए रखना।
उसने प्रेम में कुछ 
ऐसी शर्त रखी मुझसे।
तेरा गम तेरा ही रहेगा
मुझसे बाँटने की
सोच न लेना।
हा खुशी बाँटने
के लिए
मैं हरदम 
तैयार हूं।
उसने प्रेम में कुछ 
ऐसी शर्त रखी मुझसे।
मुझे एक जीती जागती
सूरत से।
एक खामोश 
मूरत बना दिया
प्रेम देने की एवज़ में
मेरा अस्तित्व ही मिटा दिया।
उसने प्रेम में कुछ 
ऐसी शर्त रखी मुझसे।

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