पल में बोया
पल में काटा
खुद का ही तूने
किया है घाटा
ईर्ष्या न त्यागी
दंभ न तोड़ा
छल और कपट का
साथ न छोड़ा
पल में बोया
पल में काटा
खुद का ही तूने
किया है घाटा
लोभ को तूने
तन लिपटाया
मन को तेरे
स्वारथ भाया
मानव बन
धरती पर आया
मोहमाया
संसार उगाया।
पल में बोया
पल में काटा
खुद का ही तूने
किया है घाटा
फसता गया
भँवर के अन्दर
लील रहा अब
भाव समंदर
जीवन ही सोचा
मृत्यु न सोची
अंत की तस्वीर न सोची
पल में बोया
पल में काटा
खुद का ही तूने
किया है घाटा
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