बुधवार, 21 जुलाई 2021

hindi poem/kavita in hindi वो कौन सी जगह हैhindi poem/kavita in hindi

मन कहाँ जाना चाहता है
वो कौन सी जगह है
जहाँ सुकून है
चैन है,आनंद है
वो कौन सी जगह है
कभी वो जगह घर होता था
दुनिया भर में भटक कर
आंखिर में हमें घर ही याद आता है
मग़र आज वो जगह 
घर भी नहीं है।
वो कौन सी जगह है
आज घरों में वैमनष्य है
दीवारे चीख़ रही हैं
ज़मीन रो रही है
आबो हवा कह रही है
मुझे दूषित कर दिया
तुम्हारे विचारों ने
तुम्हारे मतभेदों ने
तुम्हारे कलहों ने
फिर अब क्या,
खोजना चाहते हो
मुझ में तुम?
मैं वही तुम्हे दे सकती हूं
जो तुमने मुझमें घोल दिया।
मेरी रग रग को तुमने
नफ़रत से जहरीला कर दिया।
वो कौन सी जगह है
जहाँ सुकून है।
चैन है,आनंद है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

स्त्री एक शक्ति

स्त्री हूं👧

स्री हूं, पाबंदियों की बली चढ़ी हूं, मर्यादा में बंधी हूं, इसलिए चुप हूं, लाखों राज दिल में दबाए, और छुपाएं बैठी हूं, म...

नई सोच