जिस व्यक्ति में भाव नहीं
भावना नहीं
बात सुनने का धैर्य नहीं
विचारों में कोई समझ नहीं
जो हवा के झोंको की तरह
निर्णय बदलता हो।
सुने बिना प्रतिक्रिया देता हो।
हर पल एक नया लक्ष्य
तय करता हो।
ऐसे व्यक्ति की
ईश्वर भी सहायता नही कर सकते।
जो हर काम को
अधूरा ही छोड़ देता हो।
आसमान में तीर चलाता हो।
सिर्फ़ डींगे ही, हांकता हो।
अपनी बेहूदी बातों में
दूसरों को उलझाता हो।
कमी बताने पर
मेघों सा गरजता हो
मीठी चिकनी चुपड़ी बाते सुनने को
अपनी हानि तक करवाता हो।
ऐसे व्यक्ति की
ईश्वर भी सहायता नही कर सकते।
Nice
जवाब देंहटाएंThank you 💐
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