kavita in hindi
मोहब्बत ना हुई।कोई शौक हो गयाहर कोई हर कोईये शौक फरमा गया,मोहब्बत ना हुई।कोई शौक हो गयामोहब्बत का शौकजरुर फरमाइए,मगर,मोहब्बत है क्या?ज़रा सा ही समझ जाइएमोहब्बत ना हुई।कोई शौक हो गयाहर कोई हर कोईये शौक फरमा गया,पल भर के इश्क कायूँ लुफ्त ना उठाइये।किसी मासूम के जज्बातों सेऐसे न खेल जाइए।निभा पाओगे उम्र भरबस इतना सा बताइये?झूठे कसमें वादों सेकिसी का दिल न बहलाइए।मोहब्बत ना हुई।कोई शौक हो गयाहर कोई हर कोईये शौक फरमा गया,
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ये मनःस्थिति, हे मनुष्य तुमने क्या चाहा, मैं बूढ़ा हो गया, ये आँसू बह जाते है, नैसर्गिक, मैं उसके दिल को ठेस नही लगा सकती।, मत पूछो हाल मेरा, वक़्त वक़्त की बात है, माँ, कोविड का दौर, जल ही जीवन है।
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