मत पूछो हाल मेरा
मेरी हर रग दुखती है।
किसे है ख्याल मेरा
ज़िंदगी मुझसे कहती है।
कुछ खास नही होता
उम्र यूँही खिसकती है।
मत पूछो हाल मेरा
मेरी हर रग दुखती है
मैं बेफिक्र नहीं
मैं मस्तमौला नहीं
लापरवाही का कभी
मैने पहना चोला नहीं
बीते और बीतते हर पल की
मुझे फ़िक्र रहती है।
मत पूछो हाल मेरा
मेरी हर रग दुखती है।
सुबह से शाम
शाम से सुबह
कुछ जटिल बातें
कुछ अंतहीन मतभेद
खुद को सही साबित करने की
हर दिन जद्दोजहद रहती है।
मत पूछो हाल मेरा
मेरी हर रग दुखती है।
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