रविवार, 8 सितंबर 2019

चमत्कार होते है 🌠 महसूस तो कीजिए 🌟


चलिए उस युग की ओर चलते हैं जहां आज की तरह संसाधन नहीं थे,एक बहुत ही कठिन ज़िंदगी आदमी जी रहा था शारीरिक रूप से बहुत ही कर्मठ था और सबसे अच्छी बात ये थी कि स्वस्थ था,बीमारियां तो वह जानता भी नहीं था,प्रकृति पूरे ब्रह्मांड की सुंदर और हरी भरी🌲🌳 थी,आज तो प्रकृति की ये सुंदरता कुछ ही स्थानों में सिमट गई है,जहां प्रकृति सुंदर है वहां लोग भी खिले हुए हैं जहां प्रकृति की सुन्दरता ख़तम हो गई वहां लोग भी मुरझा गए है और सुंदरता खत्म करने वाले भी हम ही हैं, प्रकृति को देखो,पृथ्वी को🌎आकाश को,चांद को सितारों को🏙 देखो,बदलते मौसम और नज़ारों को देखो⛅🌦🌧,चलो छोड़ो कहीं मत देखो बस अपने आप को ही देख लो,क्या आप चमत्कार नहीं हो? क्या आपने कभी इस बात को महसूस किया? नहीं,नहीं हम सब जीवन की अजीब सी उलझनों में उलझे हुए हैं,कई तरह की चिंताएं हमें घेरे हुए हैं,हमें आज की फ़िक्र नहीं हमें आने वाले कल से खौफ है वो कैसा होगा? अरे भाई अभी जो है उसे तो जी लो,महसूस कर लो उस चमत्कार को जो हमारे चारों ओर घट रहा है,हम निर्जीव यंत्रों 🕰🛎🚲🚛🚐को अपनी दिनचर्या में उपयोग करते है,जो पेट्रोल डीजल केरोसिन या विद्युत से चलते है और उसकी प्रशंसा करते हैं, प्रशंसा करनी भी चाहिए, इन सारे यंत्रों ने हमारे जीवन को आसान कर दिया है मगर सबसे अधिक प्रशंसा का पात्र है वह यंत्र जो रक्त से संचालित होता है,👤रक्त ही जिसकी ऊर्जा है,ऐसा यंत्र जिसे किसने बनाया ये कोई नहीं जानता,तर्क वितर्क तो बहुत है वैज्ञानिक आधार भी बहुत है,सतत क्रमिक विकास मगर फिर भी एक अन्तिम बिंदु है जहां कोई नहीं पहुंचता,विज्ञान प्रमाण देता है पुष्टि करता है,क्या आप संतुष्ट हैं?जन्म मृत्य निरंतर हम देखते आ रहे हैं इसलिए हमें आश्चर्य नहीं होता है हमने देखते देखते ये स्वीकार कर लिया है कि मृत्यु शाश्वत है,चलिए मान लिया जन्म मृत्यु एक सत्य है तो क्या ये आपके नियंत्रण में है? तो आप तय क्यों नहीं कर पाते आज ही जन्म हो आज ही मृत्यु हो? इसके लिए भी हमारे पास तर्क वितर्क हैं अगर वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग बन्द कर दिया जाए तो क्या जन्म मृत्यु हमारे नियंत्रण में है?कहावत है जाको राखे साइयां मार सके ना कोई,कितनी बार हमने ये प्रमाणित होते देखा है,कोई मृत्यु के बहुत करीब जाकर भी मरता नहीं,अचानक किसी की याद आ जाए तो उसी दिन उससे बात होना हम टेलीपैथी कहते हैं, सोचिए तो वो कितनी शक्तिशाली ऊर्जा  उत्पन्न हुई हमारे अंदर और किसी और के पास मीलों दूर पहुंच गई,ये संयोग इसलिए नहीं क्योंकि ऐसा बार बार होता है,किसी के बरताव से हमें उसकी मन:स्थिति🌪 समझ आती है,लोगो का सकारात्मक और नकारात्मक प्रतुत्तर समझ में आता है,हम सब ये जान रहे है महसूस कर रहे है तो आप कहेंगे मनोविज्ञान है,हां अवश्य मनोविज्ञान है पर जो प्रारंभ है उसको किसने देखा,उत्पति किसने देखी हां प्रमाण सभी ने दिए,इस तरह के बहुत तथ्य मैंने पढ़े है,समझे है मै कोई अनविश्वासी नहीं हूं,मगर मुझे एक शक्ति पर विश्वास है,इस सृष्टि की बागडोर किसके हाथ में हैं,ये दिन रात,आपदाएं,जलवायु परिवर्तन 🌈ये सब कुछ किसके हाथ में है? हां प्रदूषण हमारे हाथ में☃ है, असंतुलन हमारे हाथ में है,मगर ये जलवायु जो सदियों से संतुलित थी वो किसके नियंत्रण में था,हां हम कुछ भी गलत करते है देखिए कैसे असंतुलित होती है जलवायु,वो दंड है जो हमें मिल रहा है,जो शक्ति सबकुछ करती है जिसके होने का मुझे विश्वास है,इतना सकारात्मक बदलाव और ऐसी इच्छाएं जो हमारे अंदर हैं तीव्र है,उनके लिए इतनी उत्कंठा है जो हम उनका पूरा होते हुए अपनी आंखो से देखते है,ऐसा आपमें से भी बहुत लोगों ने अनुभव किया होगा,चाहे वो सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव है मगर सच ये है कि इस चमत्कार ⚡का अस्तित्व है,सोचिए पूरे विश्वास के साथ जो भी करना हो उसको पूरा कीजिए विश्वास रखेंगे तो अवश्य सम्पन्न होगा हर काम और आप महसूस करेंगे कि चमत्कार सच में होते हैै। हम सबने देखे है पर महसूस नहीं किए,गौर करने लगेंगे तो चमत्कार को महसूस करेंगे।

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