गुरुवार, 15 जुलाई 2021

Depression/अवसाद/hindi poem



बड़ी आसानी से
हँसते खेलते
गाते मुस्कुराते
छोटी सी बात पर
वो बोल गए कि
मैं अवसाद में हूं।
बिना किसी उचित
परिस्थिति के
बिना निश्चित 
परिभाषा के
वो बोल गए कि
मैं अवसाद में हूं।
पल भर के अवरोध में
छोटी सी उलझन में
बिना किसी दबाव में
वो बोल गए कि
मैं अवसाद में हूं।
क्या वाकई इतना
छोटा इतना सरल
इतना आसान है?
ये शब्द जैसे,
वो बोल गए कि
मैं अवसाद में हूं।
नहीं......नहीं
जितना सरल है
बोल पाना....
किसी भी बात पर
कि मैं अवसाद में हूं।
उतना ही कठिन है
इसे झेल पाना 
इससे निकल पाना
लोगो को महसूस
करा पाना कि
मैं अवसाद में हूं।
ये भयानक दर्द है
जो सिर्फ आपको
महसूस होगा।
न कोई चोट है,न घाव है
मगर पीड़ा बेशुमार है
वो बोल गए
मैं अवसाद में हूं।
नहीं सरल होता
 महसूस करा पाना
किसी को इस 
पीड़ा की हद 
इस उलझन कि सीमा।
जितनी सरलता से
वो कह गए कि
मैं अवसाद में हूं।




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