छू सकूँ किसी के दिल को अपनी कविता कहानी से तो क्या बात है। अहसास कर सकूं हर किसी के दर्द को अपनी कविता कहानी से तो क्या बात है। जीते जी किसी के काम आ सकूँ तो क्या बात है। kavita in hindi, hindi kavita on life, hindi poems, kavita hindi mein on maa
शुक्रवार, 25 जून 2021
कहानी /story/हिंन्दी/ बेस्ट
वो बीस साल की उम्र,वो रूप लावण्य,मृग से नयन,??किसको नहीं मोह लेते? बस आजकल प्रेम सिर्फ चेहरे और उम्र के आकर्षण तक रह गया है, ये मायने नही रखता कि, आप वो ही आप हो, आप चालीस की उम्र में कितनी आकर्षक हो मायने यह नही रखता है,मायने ये रखता है कि आप अब बीस की नहीं हो,आप अब जवानी की दहलीज को लांघने को तैयार हो,इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आपका दिल आज भी वो ही प्यार भरा दिल है,इससे कोई फर्क नही पड़ता कि "वी आर ग्रोइंग ओल्ड टूगेदर" इससे बहत फर्क पड़ता है "यु हैव ग्रोन ओल्ड"। बेशक मैं महिलाओं की ही बात कर रही हूं, पुरूष,पुरूष हैं वो ओल्ड कहाँ होते हैं?वो ओल्ड भी गोल्ड है, बूढ़ी तो महिलाएं हो जाती हैं, भरे समाज में किसी महिला को अगर बेइज़्ज़त करना हो तो आजकल लोगो ने बड़ा आसान टारगेट बना लिया है उनकी उम्र पर धावा बोल दो,कहीं भी किसी को भी बोल दो "बूढ़ी आंटी" उफ़्फ़ ऐसा अपमान, ऐसा कि बुढापा कोई बीमारी हो,ये हमारे समाज में महिलाओं के लिए सोच रखी जाती है,सबसे बड़े आश्चर्य की बात ये है जो लोग इस तरह की टिप्पणी करते हैं उन्हें देखकर तो ये ही लगता है जैसे उनकी उम्र और जवानी स्थिर हो। माफ कीजिएगा ये कहानी से ज्यादा भाषण लग रहा है। बात निधि और यतीश की है,ग्लैमर की दुनिया की चकाचौंध में दो लोग कब करीब आते हैं कितनी जल्दी रिश्तों में बंध कर अलग भी हो जाते हैं, ऐसा लगता है कितना आसान है ना इनके लिए सालों पुराने रिश्ते एक झटके में तोड़ देना? यही कोई चौदह साल पुरानी बात है जब यतीश को निधि किसी धारावाहिक के शूटिंग के सेट पर मिली थी,उस समय निधि अपने करियर के शिखर पर थी,नाम पैसा शोहरत सब कमा रही थी,जबकि यतीश कुछ खास नहीं कर पाया था अब तक,उसी धारावाहिक में जहां निधि लीड रोल निभा रही थी यतीश को भी छोटा मोटा किरदार मिल गया। इन्ही दिनों शूटिंग के दौरान निधि यतीश को साथ उठने बैठने का काफी समय मिला इसी वजह से वो काफी अच्छे दोस्त भी बन पाए...To be continued in next post
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