सोमवार, 28 जून 2021

kahani/hindi story/सच कुछ और ही पार्ट ३

निधि का दिमाग सवालों की चपेट में आ गया,वो खुद को समझा नही पा रही थी,मगर वो अजीब से दर्द को महसूस करने लगी,अब आगे जाए की नहीं।उफ़्फ़ ये मैने क्या देखा और क्यों देखा,वो सबकुछ झुठला देना चाहती थी काश की ये स्वप्न हो और वो जाग जाए। मगर जो देखा वो सच था। अचानक उसके हाथों में हरकत हुई उसने मोबाइल निकाला और दोनों की पिक क्लिक कर ली। दोनों हाथ मे हाथ लिए बातों में मशगूल थे उन्हें कोई खबर न थी।तभी लाइट ग्रीन हुई और गाड़िया आगे बढ़ गईं।
निधि सकते में आ गई, एक पल में सबकुछ बदला सा लगा,जैसे सबकुछ छिन गया हो,अब हिम्मत नहीं थी आगे जाने की,उसने ड्राइवर को गाड़ी वापस लेने को कहा।
वो खुद को टूटा,कमजोर,असहाय सा महसूस करने लगी,पल भर में वो कितनी अकेली हो गई थी,हारे हुए कदमो से वो घर पहुंची,आज कुछ खाने पीने का मन नहीं किया जैसे कीजैसे कि भूख प्यास खत्म हो गई थी।
रात काफी हो गई थी और यतीश नहीं आया वो इंतज़ार करती रही। डिनर का समय बहु निकल चुका था।
रात को यही कोई एक बजे यतीश घर पहुंचा, निधि बस इतना बोल पाई,"बड़ी देर कर दी" यतीश " हां आज शूटिंग देर तक चली,तब लेट हो गया"
निधि मन ही मन सोच रही थी,"देर तो वाक़ई बहुत हो गई मुझे जागने में"उसने उस समय यतीश से किसी बात का ज़िक्र नही किया वैसे भी रात का समय था,उसे लगा क्षय बेवजह बहस न हो जाए।
यतीश चेंज करके सोने चला गया, निधि अब भी लिविंग रूम में सोफ़े पर ही बैठी थी,नींद आंखों से कोसो दूर थी,अपने अंदर अपने अस्तित्व को तलाश रही थी।
आंखों ही आंखों में रात निकल गई। सुबह काफ़ी थकान भरी थी,नींद न होने की वजह से आंखें दुःख रही थी, यतीश जल्दी तैयार हो चुका था,"सुनो मुझे जल्दी जाना होगा,मैं नाश्ता वहीं कर लूंगा" निधि " इतनी सुबह कहाँ जाना है ?
"शूटिंग पर और कहां, हो सकता है आज आउटडोर हो,हमें शिमला जाना पड़ सकता है कुछ दिनों के लिए" 
"ओह्ह" इतना ही बोल पाई वो।
अगले पांच दिन यतीश आउटडोर शूटिंग के बहाने घर नहीं आया,निधि ने बीच मे दो चार बार कॉल भी किया था मगर उसने बिजी हूं कहकर फोन डिसकनेक्ट कर दिया।
निधि कई दिन से सुलग रही थी,जैसे ही यतीश घर पहुंचा, उसने उसे रोक लिया,उसकी आंखों में आंखें डाल कर जानने की कोशिश करने लगी," कहाँ थे पांच दिन?"
यतीश को ऐसे सवाल की आशंका न थी,"ये कैसा  बेहुदा सवाल है?
सवाल बेहुदा नहीं,बेहूदे तुम हो" जो शूटिंग की आड़ में कहीं और..... 
तुम कहना क्या चाहती हो?
वो ही जो अब तक कह नहीं पाई।
घर पर रहकर तुम डंप हो गई हो,कुछ भी बोल रही हो।
मैंने कुछ भी आज तक तो नहीं बोला। तुम झूठ बोलते हो मुझसे।

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