हम सभी जानते हैं, जल ही जीवन है,हमारे शरीर का लगभग 70% भाग पानी है और पानी का शुद्व होना हमारे लिए अति आवश्यक है, जल के बिना जीवन की कल्पना एक भरम मात्र है,लेकिन क्या आपको पता है कौन सा जल हमारे स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक उपयोगी है? जी हां हम पीने योग्य जल की गुणवत्ता के आधार पर पहले स्थान पर विराजमान जल की बात कर रहे हैं।
ये जल है वर्षा का जल,वो भी दूसरी वर्षा का जल जो भूमि पर गिरने से पहले ही एकत्र कर लिया जाता है।
पहली वर्षा का जल इसलिए उपयोगी नही माना जाता क्योंकि उसमें प्रदूषित वायुमंडल के हानिकारक तत्व विद्यमान होते हैं।
दूसरा जल जो पीने के लिए उपयोगी है वह है भूमिगत जल,लेकिन भूमिगत जल सभी स्थानों पर नही पाया जाता।
तीसरे प्रकार का जल है झरनों का जल,ऐसे झरने जो प्रदूषण रहित स्थानों में स्थित हो। पीने योग्य होता है।
मगर झरने हर जगह नही पाए जाते,अगर पाए भी जाएँ तो वहाँ प्रदूषण न हो ऐसा कहना अतिश्योक्ति होगी।
उसके बाद हम बात बात करते हैं कि हम कैसे शुद्ध जल को प्राप्त कर सकते है,अगर हमारे पास पीने योग्य जल तो है मगर उसकी शुद्धता पर हमें संदेह है,ऐसे जल को उबाल कर ठंडा कर ले,अब ये जल पीने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है,
आयुर्वेद हमें जल शोधन का सबसे अच्छा उपाय उबालना ही बताता है।
कुछ पंक्तियाँ जो जल (जीवन) को समर्पित हैं।
जल
तू सुबह से शाम,
मेरे कण कण में रमा है।
मेरी देह मे,मेरे रग रग में,
पल पल में,
संचरित हुआ है।
देह स्पर्श करते ही
आनंद संचार,
जीवन संचार करता है।
तुझ बिन मेरे जीवित होने की,
कल्पना ही अधूरी है।
तू उपलब्ध है तभी,
मेरी हर एक सांस पूरी है।
हृदय में स्पंदन है,
नैनों में ज्योति है।
अधरों में मोती हैं।
शुद्ध जल पिएं,स्वस्थ रहें।
देश की प्रगति में,योगदान करें।
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