रविवार, 29 सितंबर 2019

मै इंसान हूं

मै इंसान हूं।
हिन्दू के साथ हिन्दू,
सिक्ख के साथ सिक्ख,
ईसाई के साथ ईसाई,
और मुसलमान के साथ,
मुसलमान हूं।
मैं इंसान हूं।
मेरा कोई एक धर्म नहीं,
मेरी कोई एक जात नहीं,
मुझे सिर्फ इतना पता है,
मेरी रगों में खून है ,
और तेरी रगों में भी खून है,
मै इंसान हूं,
ये जो धर्म का अहम है,
इसे तोड़ पाने में असमर्थ हूं,
इस वजह से,
कुछ परेशान हूं।
मै इंसान हूं।
मैंने नवरात्री मनाई,
मैंने लोहड़ी की आग सेकी,
मैंने ईद की सेवइयां खाइं,
मैंने ईस्टर की,
खुशियां मनाईं
फिर भी शायद,
कुछ कमी ज़रूर रही होगी,
मेरी सच्ची भावनाओं में,
जो किसी कट्टर के,
दिल में जगह ना पाई,
मै इंसान हूं।
हिन्दू के साथ हिन्दू
मुसलमान के साथ
मुसलमान हूं।
- ममता पाठक

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