कहती कमवो सहती ज्यादा है।चिंता में घुली सीरह गई आधा है।परिवार केमोतियों कोजोड़ने वाला वोएक मात्र धागा है।सबके जीवन कोचमकाती जो,उसका जीवनकितना सादा है।घर का हर कोनाउसके होने से हीगुलज़ार है।वो जो नहीं तोसूना सा ये संसार है।माँ धरती पर हमारे लिएसबसे कीमती उपहार है।उसके प्रेम और त्याग सेमहका सारा घर बार है।-mamtaपाठक
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नैसर्गिक, प्रियतम देखो ना, क्यों?, भटकाव, प्रेम🌹, मत पूछो हाल मेरा, वक़्त वक़्त की बात है, कोविड का दौर
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