गुरुवार, 4 जुलाई 2019

प्रेम🌹



प्रेम
क्या शब्द है?
क्या इसकी परिभाषा है?
कितनी इसकी गहराई है।
मझे नहीं पता
और मुझे लगता भी नहीं
की इसे कोई परिभाषित कर सकता है।
हां इतना अवश्य पता है,
प्रेम होने की कोई शर्त नहीं है
प्रेम अनायास है
शारीरिक आकर्षण
और सौंदर्य से परे है
प्रेम  धर्म जाति संप्रदाय
और आयु के बंधनों से मुक्त है
स्वच्छंद है
निश्छल है
शब्दों की सीमा से बाहर
अभिव्यक्ति से परे
अव्यक्त पीड़ा है।
प्रेम सरलता पर रीझता है
भोलेपन पर बरसता है
निष्कपटता में बसता है,
दया में छलकता है।
थोड़ा शरारती है
थोड़ा मासूम है
हद से ज्यादा भावुक है
और बड़ा समझदार हैं।
सब कुछ देख सकता है
मगर अजीब बात ये है
कि प्रेम अंधा है।

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