मंगलवार, 13 जुलाई 2021

poem/hindi/आँखें




बहुत खूबसूरत थी वो आंखें
जिनका हर दिल पर राज़ था
मनमोहक उन आखों कोL
खुद पर ही नाज़  था
इशारों इशारों में, बहुत 
 कुछ कह देती थी वो 
क्या क्या उपमा नहीं मिली उन्हें
हिरनी सी, गहरी सी 
समन्दर सी, झील सी
जीवन की गहराई में
झांकती सी,आँखे
बहुत खूबसूरत थी वो आंखें
मन को,वशीभूत,
करती सी  आंखे
बहुत खूबसूरत थी वो आंखें
दुःख में ख़ुशी में
छलकती सी आँखे
सपनों की दुनिया मे
झूलती सी आंखे।
यादों में ख्वाबो में
खोई सी आंखे।
बहुत खूबसूरत हैं वो आँखे


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