शनिवार, 10 अक्टूबर 2020

आभार



आभार।

आभार है उस व्यक्ति का
तहे दिल से आभार है।
जिसनेे मुझे समाज मे
मान सम्मान दिलाया।
जिसने मेरी मांग में
सिंदूर सजाया।
आभार है उस व्यक्ति का
तहे दिल से आभार है।
एक ऐसे समय में
जहाँ खून के रिश्ते फ़ीके हैं
ऐसे समय मे जहाँ उदर के
रिश्ते भी झूठे हैं।
एक ऐसे समय में जहाँ
अपने ही अपने नहीं है।
तब एक अलग गौत्र
अलग परिवार अलग घर
और अलग संस्कार के व्यक्ति ने
मुझे अपनाया,
मेरी ख़ुशी का ख्याल रखा।
मंत्रो का मान रखा।
जीवन पर्यंत मुझे 
खुश रखने का जिम्मा लिया।
उस व्यक्ति का आभार है,
तहे दिल से आभार है।